दिल्ली : यमुना की सफाई के लिए पहुंच गईं बड़ी-बड़ी मशीनें, LG बोले- जो वादा किया वो निभाया
नई दिल्ली
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के बीच यमुना नदी की सफाई बड़ा चुनावी मुद्दा बना था. अब चुनाव खत्म हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनाव जीत चुकी है, अभी दिल्ली में नई सरकार का गठन होना बाकी है. लेकिन यमुना नदी की सफाई का काम सरकार के अस्तित्व में आने से पहले ही हो गया है.
गंदे नाले के रूप में बदल चुकी यमुना नदी की सफाई को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा लेकिन जिस तरह से कोशिशें शुरू की गई हैं उसे देखकर ऐसा लगता है कि दिल्ली में लाइफ लाइन कही जाने वाली यमुना नदी के अच्छे दिन आने वाले हैं. सफाई की नई मुहिम के तहत आज रविवार से सरकारी पहल की शुरुआत हो गई है.
सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीनों की तैनाती
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में नई सरकार का गठन अभी नहीं हुआ है बावजूद इसके उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना पूरे एक्शन में दिख रहे हैं. उहोंने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात का निर्देश दिया है कि समय रहते यमुना नदी को साफ सुथरा किया जाए.
टीवी9 भारतवर्ष जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो पता चला कि यमुना नदी की साफ-सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें 4 स्कीमर मशीन, 2 वीड हार्वेस्टिंग मशीन, एक डीटीयू मशीन लगाया गया है. फिलहाल यमुना की सफाई के लिए 7 आधुनिक मशीनों से अभियान शुरू किया गया है. यमुना की साफ- सफाई का काम दिल्ली के आईटीओ और वासुदेव घाट से शुरू किया गया है.
फ्लड एंड इरिगेशन विभाग को मिली जिम्मेदारी
टीवी9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार के फ्लड एंड इरिगेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख अधिकारी नवीन चौधरी को यमुना की शुरुआती साफ- सफाई की जिम्मेदारी दी गई है. इस अभियान के तहत 2 तरह के एक्शन प्लान बनाए गए हैं. पहले एक्शन प्लान पर रविवार से काम शुरू हो गया है, जिसके तहत फिलहाल कचरे का निस्तारण किया जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहले दिल्ली में वजीराबाद से लेकर ओखला तक यमुना नदी में फैले ठोस कचरे को बाहर निकाला जाएगा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली में यमुना नदी में कितना कचरा फैला हुआ है, इस बारे में अब तक कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है. ऐसे में काम शुरू होने के बाद ही यह पता चल पाएगा कि इस ठोस कचरे के निस्तारण में कितना वक्त लगेगा.
काला पानी से साफ पानी में लगेगा वक्त
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के आला अधिकारी ने बताया कि आज की तारीख में दिल्ली में यमुना नदी पूरी तरह से काली हो चुकी है. इसका स्वरुप नाले में बदल गया है. ऐसे में इस नदी में पानी के स्वरुप को बदलने में अभी वक्त लगेगा.
जानकारी के मुताबिक यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें समय के साथ- साथ कुशल प्रबंधन की भी जरुरत होगी. दिल्ली में अलग-अलग एजेंसी हैं, सभी को साथ मिलकर काम करना होगा. तब कहीं जाकर आशातीत सफलता मिल सकती है.
100 दिन के एजेंडे पर काम
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक 10 फरवरी को दिल्ली सचिवालय में आयोजित की गई. मुख्य सचिव की ओर से सभी विभागों को नई सरकार के विकसित दिल्ली संकल्प पत्र 2025 के संदर्भ में अपने-अपने विभागों के लिए 100 दिनों की कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
इस दिशा-निर्देश में यमुना की सफाई का काम भी शामिल है. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि नदी में सीवेज के बहाव को रोकने के क्या उपाय किए जाएं. दिल्ली जल बोर्ड को राजधानी की कॉलोनियों और क्षेत्रों में किसी भी सीवेज के बहाव को रोकने के लिए उचित उपाय करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
यमुना की सफाई के लिए चार प्रमुख रणनीतियां तैयार की गई हैं:
1. पहली रणनीति में, यमुना नदी से कचरा, मलबा और गाद हटाई जाएगी. साथ ही, नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंटरी ड्रेन और अन्य प्रमुख नालों की सफाई का काम भी शुरू किया गया है.
2. दूसरी रणनीति में नजफगढ़ नाला, सप्लीमेंट्री नाला और अन्य सभी प्रमुख नालों की सफाई का काम भी शुरू हो जाएगा।
3. तीसरी रणनीति में मौजूद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की क्षमता और उत्पादन पर रोजाना निगरानी रखी जाएगी.
4. चौथी रणनीति के अंतर्गत नई एसटीपी और डीएसटीपी के निर्माण के लिए एक समयबद्ध योजना तैयार की गई है, ताकि लगभग 400 एमजीडी गंदे पानी की वास्तविक कमी को पूरा किया जा सके.
दिल्ली जल बोर्ड समेत तमाम एजेंसियां को मिलकर करना होगा काम
इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच तालमेल पर जोर दिया जा रहा है, ताकि काम में बाधा न आए. डीजेबी, आई एंड एफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसी एजेंसियां इन कामों को पूरा करेंगी. इन कामों की साप्ताहिक आधार पर उच्च स्तर पर निगरानी की जाएगी.
दिल्ली प्रदूषण बोर्ड को दिया गया निर्देश
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नगर के औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में बिना गंदा पानी न छोड़ें. यमुना के पुनरुद्धार का काम जनवरी 2023 में मिशन मोड में शुरू किया गया था, जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने उपराज्यपाल सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (HLC) का गठन किया था.
आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से लगवाई थी रोक!
हालांकि, पांच बैठकों के बाद, तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और एनजीटी के आदेश पर रोक लगवा दी थी. इसके बाद, यमुना पुनरुद्धार का काम फिर से ठप हो गया और जो सीओडी/बीओडी स्तर में थोड़ा-बहुत सुधार हो रहा था, वो भी बिगड़ गया, और इस साल के शुरू में प्रदूषण ने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.