दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा-अमेरिका ने सैन्य विमान से बेड़ियों में बांधकर भारतीय नागरिकों को वापस भेजा, ये भारत का अपमान है

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चंडीगढ़
अमेरिकी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर अमेरिका में रह रहे भारतीयों को हथकड़ी, बेड़ियों में जकड़कर सैन्य विमानों से जबरन निर्वासित किए जाने की खबरों पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अमेरिका ने सैन्य विमान से बेड़ियों में बांधकर भारतीय नागरिकों को वापस भेजा। ये हर भारतीय और भारत का अपमान है। उन्होंने इस विषय पर आज संसद भवन परिसर में INDIA गठबंधन के सांसदों के साथ बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया व शून्यकाल का नोटिस दिया। नोटिस में उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा अवैध दस्तावेजों के आधार पर बड़े पैमाने पर भारतीय नागरिकों को अपमान जनक ढंग से हथकड़ी व बेड़ियों में जकड़कर सैन्य विमानों से अमेरिका से निर्वासित किया जा रहा है। जिससे विशेष रूप से हरियाणा के नौजवान बड़ी संख्या में हैं। ये युवा रोज़गार की तलाश में अपनी ज़मीन-जायदाद बेचकर, जान जोखिम में डालकर वहाँ गये लेकिन अब आर्थिक बर्बादी और सामाजिक विस्थापन का सामना कर रहे हैं।
केंद्र की बीजेपी सरकार बार-बार दावा करती रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति पीएम के दोस्त हैं लेकिन अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही पीएम के दोस्त ने बड़ी तादाद में भारतीयों को अपमानजनक तरीके से जबरन निर्वासित कर दिया। उन्होंने मांग करी कि प्रधानमंत्री तुरंत अमेरिकी सरकार से बात करें ताकि वर्षों से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को अपमानजनक ढंग से न निकाला जाए। इसके अलावा केंद्र सरकार निर्वासन का सामना कर रहे भारतीयों के लिए कानूनी सहायता हेतु अमेरिका के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत करें। तत्काल पुनर्वास प्रदान करें, जिसमें वित्तीय सहायता और रोजगार के अवसर शामिल हों। प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए एक कानूनी सहायता कक्ष स्थापित किया जाए।

उन्होंने बताया कि जुलाई, 2024 के बजट सत्र में इसी संसद में उन्होंने बेरोजगारी की हताशा में अवैध रूप से बिना वीजा के, जोखिम उठाकर डंकी के रास्ते विदेश जाने वाले नौजवानों की समस्याओं को उठाकर सरकार से सवाल किया था कि क्या विदेश मंत्रालय को इस बात की जानकारी है और मंत्रालय उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है? इस पर जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि जिनको विदेश जाना ही है और अगर इसके लिए वे तमाम तरह के अन्य रास्ते अपनाते हैं तो सरकार जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर उस दिन मेरी बात को गंभीरता से लेती तो आज ये दिन न देखना पड़ता। दीपेन्द्र हुड्डा ने दोहराया कि अमेरिका से अपमानजनक निर्वासन की मार झेल रहे नौजवानों की दुर्दशा के लिए बीजेपी सरकार पूरी तरह जिम्मेदार हैं। यदि सरकार नौजवानों को यहीं अपने देश में रोजगार उपलब्ध कराती तो वे अपना घर-बार छोड़कर विदेश क्यों जाते। डंकी के रास्ते विदेश जाने वाले सबसे ज़्यादा नौजवान हरियाणा के हैं। “बिना पर्ची बिना खर्ची” का fake नारा देने वालों ने प्रदेश में “बिना रोज़ी बिना रोटी” की परिस्थितियां बना दी है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भयंकर बेरोजगारी का आलम है। जिसके कारण यहाँ के युवा अपनी सारी जमीन-जायदाद बेचकर, लाखों रुपये कर्जा लेकर भविष्य सँवारने की आस में विदेशों का रूख कर लिया। इन युवाओं ने अपनी जमीन जायदाद बेचकर सारा पैसा कबूतरबाजों को दे दिया। अब इनके पास कुछ नहीं बचा और भूखे मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के कस्टम एंड बार्डर पेट्रोल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले करीब एक वर्ष में 97000 भारतीय नागरिक मेक्सिको बार्डर से पनामा के जंगलों के रास्ते या कनाडा के रास्ते अमानवीय परिस्थितियों से गुजरते हुए अमेरिका में पहुंचे और वहाँ उन्हें पकड़ लिया गया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक बेरोजगारी और इसके कारण हो रहे पलायन और अब जबरन निर्वासन के लिये पूरी तरह से सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। सरकार युवाओं को रोजगार दे नहीं रही। आज प्रदेश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गयी है। इस सरकार ने अग्निपथ जैसी योजना लाकर युवाओं के फौज में जाने का रास्ता भी बंद कर दिया। दो दर्जन से ज्यादा भर्ती घोटाले, कैश फॉर जॉब, पेपर लीक के बाद इक्का दुक्का नौकरी निकली भी तो उसमें भी ज्यादातर हरियाणा के बाहर के युवाओं की भर्ती हो रही है।

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