देश के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयला भंडार 45 मीट्रिक टन से अधिक मौजूद
नईदिल्ली
देश में बिजली की अत्यधिक मांग के बावजूद थर्मल पावर प्लांट में कोयले का भंडार 45 मीट्रिक टन से अधिक है। कोयले का भंडार पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है।
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि बिजली की अत्यधिक मांग को पूरा करने के लिए थर्मल पावर प्लांट में कोयले का भंडार 45 मीट्रिक टन से अधिक है। ये भंडार पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है, जो 19 दिनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। मई में थर्मल पावर प्लांट में औसत दैनिक कमी केवल 10 हजार टन प्रति दिन थी। पिछले वर्ष कोयला उत्पादन में 8 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। खदान के पिट-हेड पर स्टॉक 100 मीट्रिक टन से अधिक है। इससे बिजली क्षेत्र को पर्याप्त कोयला मिलता है।
मंत्रालय ने मानसून के दौरान ताप बिजली संयंत्रों में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है। कोयला मंत्रालय ने कहा है कि पहली जुलाई से थर्मल पावर प्लांट के पास 42 मीट्रिक टन से अधिक कोयला उपलब्ध रहने की उम्मीद जताई है। कोयले की आपूर्ति के लिए सुचारू और पर्याप्त रसद व्यवस्था सुनिश्चित करके इसे संभव बनाया गया है। विद्युत मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, रेल मंत्रालय और बिजली उत्पादन कंपनियों के प्रतिनिधियों से युक्त उप-समूह का तंत्र कुशल आपूर्ति शृंखला को बनाए रखने में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में प्रति मीट्रिक टन 500 रुपये की कटौती
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग के बीच घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) में कटौती की गई है। केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स 5,700 रुपये से घटाकर 5,200 (62.33 डॉलर) प्रति मीट्रिक टन कर दिया है। नई दरें एक जून से प्रभावी हो गईं हैं।
सरकार की ओर से 31 मई, 2024 को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक घरेलू कच्चे तेल पर मौजूदा विंडफॉल टैक्स को 5,700 रुपये से घटाकर 5,200 प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया है। हालांकि, डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर अतिाक्ति उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को फिर शून्य पर बरकरार रखा गया है। सरकार ने 16 मई को विंडफॉल टैक्स को 8,400 रुपये से घटाकर 5,700 रुपये प्रति मीट्रिक टन किया था।, जबकि इससे पहले 9,600 रुपये से घटाकर 8,400 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया था।
उल्लेख्ननीय है कि केंद्र ने पहली बार एक जुलाई, 2022 को घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लागू किया था। इसके साथ ही वह उन देशों में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं। सरकार हर दो हफ्ते पर विंडफॉल टैक्स में बदलाव करती है। ये बदलाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े की जाती है।