यस बैंक में 51% हिस्सेदारी बेचने का मामला, रॉकेट बना शेयर
नई दिल्ली
यस बैंक (Yes Bank) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए दुनिया के कई बैंकों और कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बैंक में 51% हिस्सेदारी के लिए पश्चिम एशिया और जापान के कई बैंकों ने दिलचस्पी दिखाई है। साथ ही कई पीई कंपनियों की भी इस पर नजर है। जानकारों का कहना है कि यह डील 8 से 9.5 अरब डॉलर की हो सकती है। हालांकि बैंक का कहना है कि उसे 51% हिस्सेदारी बेचने के लिए आरबीआई की तरफ से कोई सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिली है। यस बैंक में एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक की 33.74 फीसदी हिस्सेदारी है। बैंक में एसबीआई की सबसे ज्यादा 23.99 फीसदी हिस्सेदारी है।
सूत्रों के मुताबिक यस बैंक में 51.69 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में फर्स्ट अबु धाबी बैंक पीजेएससी, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप और सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप सबसे आगे हैं। साथ ही कुछ पीई कंपनियों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है। बैंक में एफडीआई की 17.95 फीसदी और एफपीआई की 10.28 फीसदी हिस्सेदारी है। घरेलू बैंक यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं। 5 मार्च, 2020 को आरबीआई ने यस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके बाद भारतीय बैंकों ने इसे बचाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये झोंके थे। इसमें एसबीआई की हिस्सेदारी 6,050 करोड़ रुपये थी।
शेयरों में तेजी
एसबीआई को यस बैंक में 48.2 फीसदी हिस्सेदारी मिली थी। लेकिन पिछले चार साल में उसने धीरे-धीरे बैंक में अपनी हिस्सेदारी कम की है। इस बीच ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने यस बैंक के आउटलुक को स्टेबल से पॉजिटिव कर दिया है। इससे बैंक के शेयरों में आज काफी तेजी देखी जा रही है। सुबह 10 बजे बीएसई पर यह 6.45% तेजी के साथ 26.58 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। कारोबार के दौरान यह सात फीसदी से अधिक तेजी के साथ 27.08 रुपये पर पहुंचा। बैंक के शेयरों में इस साल 16 फीसदी तेजी आई है जिससे इसकी वैल्यूएशन 9.4 अरब डॉलर पहुंच गई है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 32.81 रुपये है। नौ फरवरी को बैंक का शेयर इस स्तर पर पहुंचा था।