बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टीम इंडिया 3-1 से ऑस्ट्रेलिया से हार गई, BGT में किस फेज में मात खा गए भारतीय गेंदबाज, हारने का सच निकला

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नई दिल्ली
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टीम इंडिया 3-1 से ऑस्ट्रेलिया से हार गई। इस हार के पीछे का कारण बल्लेबाजों को माना जा रहा है। ये सच भी है, लेकिन बल्लेबाजों के साथ-साथ भारत की इस हार के दोषी भारतीय गेंदबाज भी हैं। जसप्रीत बुमराह को छोड़ दें तो बाकी सभी गेंदबाजों ने निराश किया है या फिर टुकड़ों में प्रदर्शन किया है। यही कारण है कि भारतीय टीम ना सिर्फ सीरीज हारी, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में भी नहीं पहुंच पाई। उन आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं कि भारतीय गेंदबाज बीजीटी में कब और कहां कमजोर पड़े।

BGT में तेज गेंदबाजों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों ने पूरी सीरीज में 1 से 30 ओवर में 35 विकेट निकाले हैं, जबकि भारतीय गेंदबाज भी पीछे नहीं थे। उन्होंने 34 विकेट निकाले, लेकिन अंतर देखने को मिला 31 से 80 ओवर के बीच। ऑस्ट्रेलिया के पेसर्स ने इस अवधि में गेंदबाजी करते हुए कुल 35 विकेट निकाले, जबकि भारत को इन ओवरों के बीच सिर्फ 22 विकेट ही मिले।

भारत के गेंदबाजों का इकॉनमी रेट भी साढ़े 3 से ज्यादा का रहा। इन्हीं ओवरों में गेम कंट्रोल होता है और भारत यहां पीछे रह गया। इन ओवरों में भारत का औसत और स्ट्राइक रेट भी ज्यादा रहा, जो वाकई में चिंता का कारण बना। हालांकि, 81 ओवरों के बाद ऑस्ट्रेलिया 4 विकेटों के मुकाबले, भारत ने 15 विकेट जरूर निकाले, लेकिन सोचने वाली बात ये थी कि बाहर की बहुत कम पारियां 80 ओवर से ज्यादा चलीं।

अगर बीजीटी में नई गेंद यानी 1 से 30 ओवर तक की बात करें तो जसप्रीत बुमराह वाकई में शानदार थे। उन्होंने कुल 16 विकेट पहले 30 ओवरों में गेंदबाजी करते हुए चटकाए, जबकि मिचेल स्टार्क और मोहम्मद सिराज को 11-11 विकेट मिले। 10 विकेट पैट कमिंस ने चटकाए और स्कॉट बोलैंड को 9 विकेट मिले। यहां भी अंतर नजर आता है, क्योंकि टॉप 5 में तीन पेसर ऑस्ट्रेलिया के हैं, जिनके कुल विकेट 30 हैं और भारत के दो तेज गेंदबाजों के विकेट 27 हैं। आखिरी मैच में प्रसिद्ध कृष्णा ने 4 विकेट निकाले, जिसमें से दूसरी पारी के तीन विकेट शामिल हैं।

हालांकि, असली खेल हुआ 31 से 80 ओवरों के बीच में, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के लिए इन ओवरों में पैट कमिंस ने कुल 13 विकेट और स्कॉट बोलैंड ने 3 मैचों में 12 विकेट निकाले। यहां जसप्रीत बुमराह ने गेंदबाजी जरूर कम की और सिर्फ 8 ही विकेट निकाले। 7 विकेट मिचेल स्टार्क को मिले और 5 विकेट नितीश रेड्डी ने निकाले। वहीं, महज 4 विकेट मोहम्मद सिराज को पुरानी गेंद से मिले। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत किस तरह इन 31 से 80 ओवर के बीच में पिछड़ गया। यहां तक कि नितीश रेड्डी ने सिराज से करीब आधे ओवर ही गेंदबाजी की।

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