महाकुंभ के पहले भारतीय रेलवे ने बताया- प्रयागराज-वाराणसी रेलवे ट्रैक पर 130 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन

Share on Social Media

प्रयागराज
प्रयागराज महाकुंभ के पहले भारतीय रेलवे ने सनातन संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों, प्रयागराज और वाराणसी के बीच की यात्रा को और अधिक तेज और सुगम बनाने का महत्वपूर्ण कार्य पूरा कर लिया है। दोनों शहरों के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। 8 दिसंबर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के निरीक्षण के बाद प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान इस परियोजना का शुभारंभ करेंगे।

महाकुंभ 2025 को दिव्य,भव्य, सुरक्षित और सुगम बनाने में केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती। महाकुंभ 2025 में देश के कोने-कोने से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। ऐसे में भारतीय रेलवे की भी तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। इसी दिशा में रेलवे ने वाराणसी-प्रयागराज रेल लाइन दोहरीकरण और गंगा रेल ब्रिज का काम पूरा कर लिया है।

इस परियोजना का निरीक्षण कार्य रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 8 दिसंबर को करेंगे। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रयागराज दौरे पर महाकुंभ के ल‍िए जारी निर्माण कार्यों के निरीक्षण और उद्घाटन के साथ इस परियोजना का भी शुभारंभ भी करेंगे। प्रयागराज और वाराणसी के बीच रेल ट्रैक के दोहरीकरण हो जाने से इस रूट पर अब ट्रेनें 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी। वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन प्रयागराज से वाराणसी के बीच की दूरी को एक से सवा घंटे में पूरी करेगी।

गंगा रेल ब्रिज और प्रयागराज, वाराणसी रेल ट्रैक दोहरीकरण का कार्य भारतीय रेलवे के संगठन आरवीएनएल ने किया है। प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए आरवीएनएल के जीएम विनय अग्रवाल ने कहा कि इस ब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव 2003 में रखा गया था। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और जमीन अधिग्रहण में समस्या होने के कारण इसका निर्माण कार्य रुका रहा। लेकिन डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से गंगा ब्रिज का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ और महाकुंभ के पहले ब्र‍िज से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

गंगा रेल ब्रिज प्रयागराज के दारागंज को झूंसी से जोड़ने का कार्य करता है, जो पुराने हो चुके आईजैट ब्रिज की जगह लेगा। साथ ही इस क्रम में प्रयागराज में सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास रेल ओवर ब्रिज और झूंसी से रामबाग के बीच भी ट्रैक दोहरीकरण कर इस रेल लाइन से जोड़ दिया गया है। इस ट्रैक से प्रतिदिन लगभग 200 ट्रेनें गुजरती हैं। इस ट्रैक के माध्यम से अब दिल्ली-कोलकाता, प्रयागराज-कोलकाता, प्रयागराज गोरखपुर और प्रयागराज-पटना के बीच ट्रेनों की रफ्तार और तेज होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *