भारत को वर्ष 2047 तक, पुनः विश्वगुरु बनाने में आयुर्वेद की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : आयुष मंत्री परमार

Share on Social Media

भोपाल 
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में आयुर्वेद का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। आने वाले समय में, प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा अग्रणी स्थान पर होगी और इसमें हमारे प्राध्यापकों एवं चिकित्सकों के समर्पण की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। मंत्री श्री परमार शनिवार को, भोपाल के मानसरोवर समूह के मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के सभागृह में, फैकल्टी डेवलपमेंट को लेकर आयोजित एकदिवसीय "फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला" का शुभारम्भ कर, संबोधित कर रहे थे।

आयुष मंत्री श्री परमार ने कहा कि राज्य सरकार ने, प्रदेश में विश्वस्तरीय आयुर्वेद महाविद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया है और इसके लिए चिकित्सकों और प्राध्यापकों के पद भी सृजित होंगे। मंत्री श्री परमार ने समस्त आयुर्वेद प्राध्यापकों से आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय दर्शन "वसुधैव कुटुंबकम्" के मंत्र को आयुर्वेद की पैथी के माध्यम से विश्वमंच तक पहुंचाएं। मंत्री श्री परमार ने कहा कि भावी आयुर्वेद चिकित्सकों एवं वैद्यों में मानवीय दृष्टिकोण विकसित करने का कार्य करें।

विश्व आयुर्वेद परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. महेश कुमार व्यास ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि सही चिकित्सा तभी संभव है जब चिकित्सकों और प्राध्यापकों को सही निर्देशन मिले। प्रमुख वक्ता के रूप में महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंस के बोर्ड ऑफ रिसर्च के सदस्य डॉ. किरण टवलारे ने योग्यता एवं उत्कृष्टता के परिप्रेक्ष्य में, मुख्य मानचित्रण प्रस्तुत किया। आईजीपी आयुर्वेद कॉलेज, नागपुर की प्राध्यापक डॉ. कल्पना टवलारे ने खेती और उद्देश्यों की दक्षता पर प्रकाश डाला। मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग सिंह राजपूत ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। मानसरोवर समूह के आयुर्वेद संचालक डॉ. बाबुल ताम्रकार ने सभी का आभार व्यक्त किया। यह एकदिवसीय कार्यशाला; श्री साईं ग्रामोत्थान समिति, मानसरोवर समूह के मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन और विश्व आयुर्वेद परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है।

कार्यशाला में विश्व आयुर्वेद परिषद् के संरक्षक वैद्य गोपाल दास मेहता, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. ए एस यादव, श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन की प्राचार्य डॉ. मनीषा राठी, फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद के प्राचार्य डॉ. श्रीकांत पटेल, मानसरोवर समूह के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सचिन जैन सहित देश भर से पधारे 300 से अधिक प्राध्यापक उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *