MP में दलित और आदिवासी महिलाओं पर बढ़ा अत्याचार: तीन साल में 7,418 दुष्कर्म, 338 गैंगरेप के मामले

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भोपाल 

प्रदेश में बीते तीन वर्षों (2022 से 2024) के दौरान अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग की 7,418 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार बनीं, जबकि 338 मामलों में गैंगरेप की घटनाएं हुईं। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में दी। यह जवाब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर में दिया गया था। उन्होंने SC/ST वर्ग की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के आंकड़े मांगे थे। सरकार ने कहा कि इन तीन वर्षों में जहां 147 अनुसूचित जाति की महिलाओं की हत्या की गई, वहीं 411 अनुसूचित जनजाति की महिलाओं की हत्या हुई। 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, SC वर्ग की महिलाओं के खिलाफ अपराध की प्रमुख श्रेणियों में 3 वर्षों के अंदर कुल 7,355 (2022), 7,343 (2023), और 7,100 (2024) मामले दर्ज हुए। वहीं ST महिलाओं के खिलाफ क्रमशः 7,498 (2022), 7,941 (2023) और 7,647 (2024) अपराध दर्ज किए गए। इनमें हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और अन्य अपराध शामिल हैं।

डेढ़ साल में 21,175 महिलाएं और 1,954 बालिकाएं लापता
कांग्रेस विधायकों बाला बच्चन और सचिन यादव के सवाल पर सरकार ने बताया कि जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच 21,175 महिलाएं और 1,954 नाबालिग बालिकाएं लापता हुई हैं। इस अवधि में 10,840 महिलाओं और बालिकाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुईं, जिनमें से 4,805 महिलाएं और 6,035 नाबालिग थीं। सरकार ने यह भी बताया कि प्रदेश के 31 जिलों में 500 से अधिक महिलाओं के लापता होने की सूचना दर्ज की गई है। इनमें इंदौर (2,623), भोपाल (1,630), जबलपुर (1,458), छिंदवाड़ा (1,157), खरगोन (1,146), धार (1,057) और ग्वालियर (1,040) जैसे जिले शामिल हैं। 

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