साल भर पहले बने दुकानों का जल्द करें आवंटन, व्यापारियों की प्रशासन को चेतावनी

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खैरागढ़

खैरागढ़ में 1.30 करोड़ रुपए की लागत से सालभर पहले बने व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स के दुकानों का आवंटन आजतक नहीं हो पाया हैं. जिससे लगातार छोटे व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों का आरोप है कि बिना आवंटन के कुछ रसूखदारों ने दुकानों पर अवैध कब्जा कर लिया है. वहीं दुकानों का आवंटन नहीं करने पर व्यापारियों ने प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

जानकारी के मुताबिक, पिछली सरकार के दौरान 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से 42 दुकानों का निर्माण किया गया था. निर्माण कार्य पूरा होने पर भी दुकानों का आवंटन आजतक नहीं हो पाया है. जिससे इतवारी बाजार और टिकरापारा के व्यापारी सड़कों और फुटपाथों पर दुकानें लगाने को मजबूर है.

समस्याओं की अनदेखी और अवैध कब्जे

इतवारी बाजार और टिकरापारा के व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांग पर दुकानों के निर्माण के लिए बजट स्वीकृत किया था. लेकिन, नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है. व्यापारियों ने आरोप लगाया कि बिना आवंटन के कुछ रसूखदार लोगों ने दुकानों पर अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे ईमानदार और जरूरतमंद छोटे व्यापारियों को बुरी तरह नुकसान उठाना पड़ रहा है. व्यापारियों का बताया कि बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया है.

कांग्रेस का मिशन संडे और प्रशासन पर सवाल

कांग्रेस ने ‘मिशन संडे’ के तहत नगर पालिका की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार को उजागर किया. विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने निरीक्षण के दौरान बताया कि इतवारी बाजार में करोड़ों की लागत से बने व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का लाभ जरूरतमंद व्यापारियों तक नहीं पहुंचा है. इसके साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर के सामने बनी दुकानें भी खाली पड़ी हैं.

व्यापारियों की आंदोलन की चेतावनी

व्यापारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही दुकानों का आवंटन नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. व्यापारियों ने कहा कि प्रशासन की प्रशासन की लापरवाही उनके व्यापार और परिवार दोनों के लिए संकट पैदा कर रही है. व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द ही इस समस्या का समाधान करेगा. जिससे व्यापारिक गतिविधियां सुचारु हो सकें और आर्थिक स्थिति में सुधार हो. प्रशासन को इस समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करना चाहिए, ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले.

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