नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी को एक साल पूरा, BJP ने कहा– ‘अयोग्य और असफल’
नई दिल्ली
नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी की नियुक्ति को पिछले महीने एक साल पूरे हो गए। कांग्रेस द्वारा बुधवार को इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट के बाद भाजपा नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें इस भूमिका के लिए 'अयोग्य' बताया है। पिछले एक वर्ष में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं, और इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और विपक्ष की भूमिका पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
गुजरात के भाजपा प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने कहा, "पिछले एक साल में देश का राजनीतिक परिदृश्य काफी बदल गया है। जब लोकसभा चुनाव से पहले 'इंडी' गठबंधन की बैठक हुई थी, तो यह धारणा बनाई गई थी कि भाजपा हार गई है या एनडीए पिछड़ रहा है। लेकिन पिछले एक साल के चुनाव नतीजों ने लोगों के फैसले को स्पष्ट कर दिया है।"
उन्होंने कहा, "देश की जनता ने दिखा दिया है कि दोनों पक्षों की राजनीति और विचारधाराओं के बीच क्या फर्क है। उनके सारे नेताओं को लगता है कि तुष्टिकरण की राजनीति से ही डूबती नैया को बचा सकते हैं। इसलिए उनके नेता तुष्टिकरण करने लगे हैं।"
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता निशिथ प्रामाणिक ने कहा, "राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता के रूप में एक वर्ष पूरा कर लिया है। मुझे लगता है कि जब तक वह यह समझना शुरू करेंगे कि संसद कैसे काम करती है, तब तक उनका पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।"
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा, "राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकते, वह गड़बड़ी कर सकते हैं। वह संसद में ठीक ढंग से नहीं बैठ पा रहे हैं।"
साल 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस 99 सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है। भाजपा की 240 और एनडीए की 293 सीटों के मुकाबले 'इंडिया' ब्लॉक 232 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 52 सीटें जीती थीं। साल 2014 के चुनाव में पार्टी सिर्फ 44 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी।