भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में आज से खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले रोमांच चरम पर
एजबेस्टन
भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन, बर्मिंघम में 2 जुलाई से खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले रोमांच चरम पर है. हेडिंग्ले टेस्ट में हार के बाद शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया वापसी की तलाश में है. इंग्लैंड ने पहला टेस्ट 371 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य चेज़ कर जीत लिया था. अब भारत को सीरीज में बराबरी करने और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) 2025-27 चक्र में मजबूत शुरुआत करने की जरूरत है.
एजबेस्टन में भारत का रिकॉर्ड बेहद खराब
भारत का इंग्लैंड में टेस्ट रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है. भारत ने इंग्लैंड में अब तक सभी फॉर्मैट में कुल 169 मैच खेले हैं, जिसमें सिर्फ 9 टेस्ट, 45 वनडे और 6 टी20 मैच जीते हैं. लेकिन अगर सिर्फ एजबेस्टन की बात करें, तो आंकड़े और भी निराशाजनक हैं. भारत ने इस मैदान पर अब तक 8 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक भी नहीं जीता.
भारत ने यहां अपना पहला टेस्ट साल 1967 में खेला था, लेकिन जीत अब तक नहीं मिली. हालांकि, भारत ने यहां वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां 12 में से 8 मुकाबले जीते हैं.
भारत का एजबेस्टन टेस्ट रिकॉर्ड
भारत ने एजबेस्टन में अबतक 8 टेस्ट मैच खेले हैं. जिनमें से केवल एक ही मैच भारतीय टीम ड्रॉ करा सकी है. बाकी सभी 7 मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है. यानी एजबेस्टन में अबतक भारत ने जीत का स्वाद नहीं चखा है. वहीं, इंग्लैंड ने इस ग्राउंड पर अबतक 56 टेस्ट मैच खेले हैं और 30 में उसे जीत मिली है. 11 में ही उसे हार का सामना करना पड़ा है. 15 मैच ड्रा पर खत्म हुए हैं.
एजबेस्टन में भारतीय बल्लेबाज़ों का औसत (टेस्ट में)
एजबेस्टन में भारतीय बल्लेबाज़ों का औसत देखें तो केएल राहुल का औसत यहां केवल 8.5 का है, जबकि कप्तान गिल का औसत 10.5 का है. पंत इकलौते खिलाड़ी हैं जिनका औसत यहां 100 से ऊपर का है. जडेजा का औसत 60 से ज्यादा का है. गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने इस मैदान पर 5 विकेट झटके हैं. सिराज ने 4 विकेट हासिल किए हैं.
कई महा रिकॉर्ड निशाने पर, जायसवाल और रूट तोड़ सकते हैं वर्ल्ड रिकॉर्ड
जायसवाल के नाम हो सकता है वर्ल्ड रिकॉर्ड
दूसरे टेस्ट मैच में यशस्वी जायसवाल के पास इतिहास रचने का मौका होगा. जायसवाल के पास टेस्ट इतिहास में सबसे तेज 50 छक्के पूरा करने का मौका होगा. इसके लिए युवा बल्लेबाज को 10 छक्के लगाने होंगे. बता दें कि टेस्ट इतिहास में सबसे तेज 50 छक्के लगने का वर्ल्ड रिकॉर्ड शाहिद अफरीदी के नाम है. अफरीदी ने अपने टेस्ट करियर में 50 छक्के केवल 46 पारियों में पूरा किए थे. वहीं, अबतक जायसवाल ने 38 पारी खेलकर कुल 40 छक्के लगाने में सफल हो गए हैं. अब यदि 10 छक्के जायसवाल अगली दो पारियों में लगाने में सफल रहे तो वो टेस्ट में सबसे तेज 50 छक्के लगाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ देंगे. वैसे, उनके पास इस महारिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 7 पारियां हैं.
जो रूट टेस्ट में कर सकते हैं यह कमाल
रूट दूसरे टेस्ट में कुल 202 रन बना लेते हैं, तो टेस्ट फॉर्मेट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की लिस्ट में राहुल द्रविड़ और जैक कैलिस से आगे निकल जाएंगे. (Most runs in career in Tests – Batting records) इस समय रूट के नाम 13087 रन दर्ज है. द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 13288 रन बनाए हैं तो वहीं जैक कैलिस ने 13289 रन बनाने का कमाल किया है.
इसके अलावा भी कई सारे रिकॉर्ड बन सकते हैं.
केएल राहुल को 3500 टेस्ट रन पूरा करने के लिए 64 रनों की दरकार है.
रविंद्र जडेजा लाल गेंद क्रिकेट में 3500 रन बनाने से सिर्फ 94 रन दूर हैं.
ऋषभ पंत टेस्ट में 350 चौके पूरा करने के से केवल 3 चौके दूर हैं.
यशस्वी जायसवाल को 2000 टेस्ट रन बनाने के लिए 97 रनों की जरूरत है.
ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बनेंगे रूट
जो रूट 73 रन बनाते ही भारत के खिलाफ टेस्ट में 3000 रन बनाने वाले इंग्लैंड के पहले बल्लेबाज बन जाएंगे. रूट ने भारत के खिलाफ टेस्ट में अबतक कुल 2927 रन बनाए हैं. जिसमें 10 शतक औऱ 12 अर्धशतक शामिल है.
रूट तोड़ेंगे राहुल द्रविड़ का वर्ल्ड रिकॉर्ड
इसके अलावा एक कैच लेते ही रूट टेस्ट में सबसे ज्यादा कैच लेने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे. ऐसा करत ही रूट, राहुल द्रविड़ से आगे निकल जाएंगे. राहुल और रूट ने अबतक टेस्ट में 210 कैच लपके हैं.
ओली पोप भी इतिहास रचने के करीब
ओली पोप भी एक उपलब्धि के करीब पहुंच रहे हैं, उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 3500 रन तक पहुंचने के लिए 85 रन की जरूरत है.
बेन डकेट के पास भी महाकारनामा करने का मौका
बेन डकेट को टेस्ट में 350 चौके पूरे करने के लिए 13 और चौकों की जरूरत है. यह देखना दिलचल्प होगा कि दूसरे टेस्ट में डकेट इस खास मुकाम को हासिल कर पाते हैं नहीं.
हैरी ब्रूक भी कतार में
हैरी ब्रूक टेस्ट मैचों में 2500 रन के आंकड़े से सिर्फ 62 रन दूर हैं.
बुमराह को छोड़कर बाकी गेंदबाज नहीं कर पाए कमाल
दरअसल, लीड्स में इंग्लैंड से पांच विकेट से हार के बाद बुमराह को तीन ही टेस्ट खिलाने की बात कही गई थी। ऐसे में उनको इस टेस्ट में आराम देकर, अगले में मौका दिया जा सकता है। लीड्स में पहली पारी में पांच विकेट लेने के बाद, दूसरी पारी में वह कोई विकेट नहीं ले पाए थे। हार के बाद कोच गंभीर ने बुमराह के तीन टेस्ट खेलने की रणनीति में कोई बदलाव नहीं करने की बात कही थी। यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय टीम एजबेस्टन में दो स्पिनर्स के साथ उतरता है या तीन मुख्य तेज गेंदबाजों को मौका देता है या फिर दोनों संयोजन को बनाता है। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा भी पिछले टेस्ट में कोई छाप नहीं छोड़ पाए थे। प्रसिद्ध काफी महंगे साबित हुए थे, जबकि सिराज को दूसरी पारी में विकेट के लिए जूझना पड़ा था। ऐसे में टीम मैनेजमेंट इनमें से एक की जगह आकाश दीप को मौका देने पर भी विचार कर सकता है। आकाश स्विंग और सीम कराने में माहिर हैं और वह एजबेस्टन में उपयोगी साबित हो सकते हैं। हालांकि, सिराज और प्रसिद्ध के पास अनुभव है और बुमराह की गैरमौजूदगी में एक पूरी नई गेंदबाजी लाइन अप को रखने का जोखिम टीम मैनेजमेंट नहीं उठाना चाहेगा।
भारत का दो स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरना लगभग तय
अगर टीम मैनेजमेंट दो स्पिनर्स को खिलाता है तो बुमराह की जगह कुलदीप का खेलना तय है। ऐसे में जडेजा और कुलदीप स्पिनर्स की भूमिका निभाएंगे, जबकि तेज गेंदबाजी का जिम्मा सिराज और प्रसिद्ध पर होगा। वहीं, शार्दुल ठाकुर की जगह नीतीश रेड्डी को मौका दिया जा सकता है और वह तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, अगर टीम मैनेजमेंट दो स्पिनर को रखने पर सहमत नहीं होता है तो बुमराह की जगह अर्शदीप या आकाश दीप में से किसी एक को खिलाया जा सकता है, जो कि सिराज और प्रसिद्ध का साथ देते दिखेंगे। हालांकि, डेशकाटे खुद ही स्वीकार कर चुके हैं कि पहले टेस्ट में कुलदीप की कमी खली थी। ऐसे में भारत का दो स्पिनर्स के साथ उतरना तय माना जा रहा है। जडेजा ने एजबेस्टन में 2022 में खेले गए भारत-इंग्लैंड टेस्ट में शतक जड़ा था। उनका अनुभव काम आ सकता है। ऐसे में टीम उनकी बदलकर वॉशिंगटन सुंदर को लाने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी। हालांकि, डेशकाटे ने कहा था- हम बल्लेबाजी की गहराई बनाए रखना चाहते हैं, साथ ही टीम का संतुलन भी बनाए रखना चाहते हैं। हमारे सभी तीनों स्पिनर बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। वाशी (वॉशिंगटन सुंदर) बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। तो बस अब यह तय करना है कि हम कौन सा संयोजन चुनें।'
दो स्पिनर और तीन तेज गेंदबाज इस रणनीति से खेल सकते हैं
जब भारत ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो नीतीश ने शानदार बल्लेबाजी की थी। तब उन्हें नंबर चार पर भेजने की बात कही गई थी। हालांकि, नंबर चार को शुभमन गिल अपना बना चुके हैं। नंबर तीन पर साई सुदर्शन और नंबर छह पर करुण नायर का प्रदर्शन खराब रहा था। ऐसे में टीम मैनेजमेंट इन दोनों में से किसी एक बैठाकर नीतीश को प्रमोट करने पर भी विचार कर सकता है। इससे भारत एक अतिरिक्त गेंदबाज खिला सकेगा। इस स्थिति में सुदर्शन और करुण में जो खेलेगे, उसे नंबर तीन पर भेजा जा सकता है और फिर नंबर छह पर नीतीश उतर सकेंगे। इस लाइन अप के साथ भारत तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनरों के संयोजन के सात मैदान पर उतर सकता है। फिर जडेजा, सुंदर और कुलदीप में से कोई दो स्पिनर खेलते दिख सकते हैं और तीन तेज गेंदबाज भी खेल सकते हैं। भारतीय टीम मैनेजमेंट के सामने काफी माथापच्ची है और कई सवालों के हल ढूंढ़ने हैं, लेकिन यह तो तय है कि भारत को वापसी करनी होगी। एक और हार से टीम इंडिया पर सीरीज गंवाने का खतरा मंडराने लगेगा।
इंग्लैंड (प्लेइंग इलेवन): जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रुक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ (विकेट कीपर), क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोश टंग और शोएब बशीर.
भारत: शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर, नीतीश रेड्डी, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव.