अमेरिका ने भारतीय शख्स जुगविंदर सिंह बराड़ और उनकी 4 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया,अब लगा बैन

Share on Social Media

नई दिल्ली
अमेरिका ने भारतीय शख्स जुगविंदर सिंह बराड़ और उनकी 4 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। यह बैन ईरान के तेल को ट्रांसपोर्ट करने के आरोपों पर लगा है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि जुगविंदर सिंह बराड़ कई जहाजों के मालिक हैं और उनके जरिए उन्होंने ईरान के तेल का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट किया है। ईरान के साथ कारोबार पर अमेरिका ने बैन लगा रखा है। जुगविंदर सिंह बराड़ ने इसके बाद भी ईरान के साथ डील और कारोबार में साथ रहे, इसलिए उन पर भी ऐक्शन लिया गया है। अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दो यूएई और भारत स्थित कंपनियों पर बैन लगा है, जो बराड़ के जहाजों का संचालन करती हैं। इन जहाजों से ईरान के तेल को दूसरे देशों में पहुंचाया गया।

अमेरिकी बयान में कहा गया है कि बराड़ के जहाज हाई रिस्क शिप टू शिप ट्रांसफर में शामिल थे। इन जहाजों का संचालन ईरान, इराक, यूएई और ओमान की खाड़ी के बीच में हुआ है। अमेरिका का कहना है कि इन जहाजों से तेल उन ठिकानों तक पहुंचाया गया, जहां से इंटरनेशनल मार्केट में भेजा जा सके। इस तरह इन जहाजों ने ईरानी तेल के लिए फैसिलिटी का काम किया है और प्रतिबंध का यह सीधे तौर पर उल्लंघन है। अमेरिकी मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ईरान का काम करने का यही मॉडल है। वह अकसर अवैध जहाजों और बराड़ जैसे ब्रोकरों के माध्यम से डील करता रहा है।

जुगविंदर सिंह बराड़ यूएई में रहते हैं। उनकी दो कंपनिया हैं- प्राइम टैंकर्स और ग्लोरी इंटरनेशनल। वह करीब 30 जहाजनुमा पेट्रोलियम टैंकर चलाते हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे टैंकर हैं, जो बड़े टैंकरों से आए तेल को पहुंचाते हैं। समुद्र से दूसरे ठिकानों पर तेल इन टैंकरों के जरिए पहुंचाया जाता है। इन छोटे जहाजों के माध्यम से वह ईरान के तेल को लोड करते थे और शैडो फ्लीट की तरह काम करते थे। अमेरिका का कहना है कि यह एक तरह से तेल तस्करी का भी मामला है। यह प्रक्रिया ऐसी थी कि किसी एक बड़े टैंकर को भरने के लिए कई छोटे टैंकरों का इस्तेमाल किया जाता था। अमेरिका का दावा है कि जुगविंदर सिंह बराड़ ने ईरान समर्थित हथियारबंद संगठन हूती के साथ भी मिलकर काम किया है।

हूती के साथ भी मिलकर काम करने का है आरोप
बराड़ पर आरोप है कि उन्होंने हूती के फाइनेंशियल अधिकारी सैद-अल-जमाल की मदद से काम किया है। जमाल की मदद से ही जुगविंदर सिंह बराड़ ने छोटे-छोटे जहाजों की मदद से माल ढोया। अमेरिका का दावा है कि बराड़ के पास 'नादिया' नाम का एक जहाज है। इसकी मदद से तेल की तस्करी की गई और यह पूरा काम ईरान की सेना के आदेश पर होता था। अमेरिका का कहना है कि बराड़ के छोटे जहाजों की खासियत यह है कि उन्हें ट्रैक करना आसान नहीं होता। वे ऑटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के तहत पकड़ में नहीं आते। इनका संचालन बराड़ ने यूएई, ईरान, इराक और ओमान की खाड़ी में किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *