माघ माह की पूर्णिमा कब है 11 या 12 फरवरी ?

Share on Social Media

हिंदू धर्म में माघ माह बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. यह दिन श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न के लिए सबसे शुभ माना जाता है. माघी पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन के समस्त पापों से छुटकारा मिलता है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

हिंदू पंचांक के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी. वहीं तिथि का समापन बुधवार 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, इस बार माघी पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी को किया जाएगा.

माघी पूर्णिमा पूजा विधि
माघी पूर्णिमा का व्रत और पूजन करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा की शुरुआत करें. फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें. उसके बाद फूलमाला अर्पित करें और मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं. देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें. विष्णु जी के मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें. इसके बाद विधिपूर्वक व्रत कथा का पाठ करें. फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं. अंत में जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें और लोगों में प्रसाद का वितरण करें.

माघी पूर्णिमा श्री विष्णु रूपम मंत्र

शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

    ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *