नर्मदा किनारे इस तरह मिलेंगे संत सियाराम बाबा के दर्शन, हनुमान जी से था विशेष लगाव

Share on Social Media

खरगोन
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का 11 दिसंबर की सुबह निधन हो गया था. आज उनके के निधन के 17 दिन बाद संत सियाराम बाबा के चरण पादुका स्थापित कर पूजन अभिषेक हो गई. बाबा के चरण पादूका की स्थापना उनके तपोभूमि भट्टयान बुजुर्ग में की गई. राम रक्षा स्रोत पाठ एवं मां नर्मदा के अभिषेक के बाद चरण पादुका स्थापना की गई. बाबा की पादुकाओं को जैसे ही स्थापित किया गया सियाराम बाबा की जय और नर्मदा मैय्या के जयकारे से नर्मदा तट गूंज उठा.

बता दें कि ब्रह्मलीन संतश्री सियाराम बाबा जिस स्थान पर संत की विधि विधान से अंत्येष्टि की गई थी. वहीं, नर्मदा तट पर संत सीताराम बाबा की चरण पादुका की स्थापना की गई. इस कार्यक्रम में प्रदेश और निमाड़ अंचल से संत समाज एवं श्रद्धालु भक्त शामिल हुए. इस दौरान ग्रामीणों द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा. आज से ठीक पंद्रह दिन पहले मोक्षदा एकादशी पर संत सियाराम बाबा ब्रह्मलीन हुए थे. इस दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित कर नम आंखों से अंतिम विदाई दी थी.

सौ साल से अधिक के थे सियाराम बाबा

संत भगवान श्रीराम और मां नर्मदा के उपासक थे. सदैव रामायण पाठ करते थे. उनकी उम्र सौ वर्ष से अधिक बताई जाती है. उम्र के अंतिम समय तक उन्होंने रामायण पाठ किया. उनके तपोस्थल मंदिर में हमेशा रामधुन चलती थी. आज ग्रामीण और उनके सेवादार वहां यह क्रम जारी रखे हुए हैं. आज ग्रामीणों द्वारा संत सियाराम गोशाला राधाकृष्ण मंदिर के सामने भंडारे का आयोजन किया है, जिसमें देशभर से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. साधु संतों की भोजन प्रसादी के लिए अलग से पांडाल बनाए है. सुरक्षा को लेकर भी पुलिस कमान संभाली है.

11 दिसंबर को हुआ था निधन
गौरतलब है खरगोन के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का निधन 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी को हुआ था. बताया जाता है कि संत सियाराम बाबा ने 12 साल तक मौन भी धारण कर रखा था. जो भक्त भी उनके पास आते थे, उनसे वे दान स्वरूप मात्र 10 रुपये ही लेते थे. अगर कोई भक्त इससे अधिक देने की इच्छा जताता था तो वह मना कर देते थे. बाबा जो 10 रुपये लेते थे उस धन का भी उपयोग वे आश्रम से जुड़े कामों में लगा देते थे. बताया जाता है कि वे प्रतिदिन 16 से 17 घंटे तक रामायण का पाठ करते थे. संत सियाराम बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *