शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की, प्रशासन की सख्ती की वजह से किसान आगे नहीं बढ़ पाए
नई दिल्ली
शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की। प्रशासन की सख्ती की वजह से किसान आगे नहीं बढ़ पाए। पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। किसानों का कहना है कि अब वे 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च करेंगे। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 20वें दिन भी आमरण अनशन कर रहे हैं। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा, हम यही आश्वासन देने की कोशिश कर रहे हैं कि किसानों की सरकार से बातचीत का रास्ता खुलेगा और उनकी मांगें भी पूरी होंगी।
उन्होंने कहा, हमने जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से अपील की। इसके अलावा उनकी चिकित्सा सुविधा का इंतजाम किया गया। यादव ने कहा, हम उनके साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। डल्लेवाल ने हमसे कहा कि हमारी मांगों को सरकार के सामने रखा जाए। वहीं गृह मंत्रालय में डायरेक्टर मयंक मिश्रा ने किसानों से मुलाकात के बाद कहा, हमने किसानों की मांगों की सूची ले ली है और हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन करना है।
पंजाब के डीजीपी ने कहा, हमने किसान नेता डल्लेवाल की स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। हमने उन्हें सीएम भगवंत मान का संदेश दिया है कि मुख्यमंत्री उनको लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का जीवन कीमती है। डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हुए हैं ताकि केंद्र पर फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
सुरक्षा बलों द्वारा किसानों के दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। चिकित्सकों ने पहले ही डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश की है और कहा है कि लंबे समय तक अनशन के कारण वह कमजोर हो गए हैं। खनौरी में मीडिया को अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान डल्लेवाल ने उनके स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद दिया।