भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बीपीएल में खेले गए विदेशी खिलाड़ियों को नहीं दिया पैसा

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नई दिल्ली
जिस तरह भारत में आईपीएल होता है, उसी तरह भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बीपीएल (बांग्लादेश प्रीमियर लीग) टी20 लीग खेली जाती है। इसी लीग की कुछ फ्रेंचाइजियों पर विदेशी खिलाड़ियों का मोटा पैसा बकाया है। वर्ल्ड क्रिकेट संघ यान डबल्यूसीए के अधिकारियों ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग के लीडरशिप ग्रुप से अनुरोध किया है कि विदेशी खिलाड़ियों के बकाए की समस्या को जल्द सुलझाया जाए। बीपीएल के पिछले सीजन में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का बकाया कई टीमों पर है।

क्रिकबज की रिपोर्ट की मानें तो क्रिकेट में खिलाड़ियों की वैश्विक संस्था डब्ल्यूसीए, जो घरेलू खिलाड़ी संघ के माध्यम से शीर्ष क्रिकेट खेलने वाले अधिकांश देशों के खिलाड़ियों का सामूहिक रूप से प्रतिनिधित्व करती है, उसने विदेशी खिलाड़ियों के भुगतान ना करने के मुद्दे के संबंध में बोर्ड को पहले ही एक पत्र भेजा है। डब्ल्यूसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम मोफैट ने भी क्रिकबज से मामले की पुष्टि की है। इसके अलावा बीपीएल की गवर्निंग काउंसिल के सचिव नजमुल अबेदिन ने भी माना है कि विदेशी खिलाड़ियों का पैसा बकाया है।

पिछले बीपीएल सीजन में खेलने वाले कम से कम 15 क्रिकेटरों ने भुगतान ना किए जाने की शिकायत की थी, जिसकी राशि लगभग 250,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 2.10 करोड़ भारतीय रुपये) थी, जबकि एक फ्रेंचाइजी, जिसने पिछला संस्करण खेला था, लेकिन इस संस्करण में भाग नहीं ले रही है, उस पर लगभग 1 लाख अमेरिकी डॉलर बकाया है। बांग्लादेश क्रिकेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य देबव्रत पॉल ने कहा है कि 15 में 12 खिलाड़ियों का पैसा फ्रेंचाइजी ने दे दिया है, जबकि 3 खिलाड़ियों का पैसा 3 फ्रेंचाइजियों पर बकाया है।

कोमिला विक्टोरियंस, चटगांव चैलेंजर्स और दुर्दांतो ढाका ने पिछले संस्करण में भाग लिया था, लेकिन वे आगामी सत्र में भाग नहीं ले रहे। सिलहट स्ट्राइकर्स, खुलना टाइगर्स, रंगपुर राइडर्स और मौजूदा चैंपियन फॉर्च्यून बारिशल टूर्नामेंट में हिस्सा लेना जारी रखेंगे, जबकि 11 साल के अंतराल के बाद चटगांव किंग्स, जिसने लीग के पहले दो सीजन में हिस्सा लिया था, वापसी करने के लिए तैयार है। इसके अलावा, दो नई टीमें, ढाका कैपिटल्स और दरबार राजशाही, इस सीजन में बीपीएल में शामिल हुई हैं।

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