चीता कॉरिडोर के विकास के लिए मध्य प्रदेश-राजस्थान ने एक संयुक्त प्रबंधन समिति का गठन किया

Share on Social Media

भोपाल

मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच चीता संरक्षण परियोजना को सुचारू रूप से संचालित करने और चीता कॉरिडोर के विकास के लिए दोनों राज्यों ने एक संयुक्त प्रबंधन समिति का गठन किया है। यह समिति चीता के संरक्षण, पर्यटन संभावनाओं और क्षेत्रों के विकास के लिए विस्तृत योजना बनाएगी। साथ ही, यह हर तीन माह में अपनी रिपोर्ट दोनों राज्यों की सरकारों को सौंपेगी। इस समिति के संयुक्त अध्यक्ष मध्यप्रदेश और राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य-जीव अभिरक्षक होंगे। अन्य सदस्य के रूप में चीता प्रोजेक्ट के निदेशक, क्षेत्र संचालक/संचालक, वन्य-प्राणी विशेषज्ञ, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि और भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा नामांकित प्रतिनिधि होंगे। समिति मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच चीता परियोजना कॉरिडोर के लिए एमओयू का मसौदा तैयार करेगी। यह कॉरिडोर चीतों के सुरक्षित भ्रमण और उनके संरक्षण के लिए विकसित किया जाएगा।

समिति कूनो और रणथंबौर क्षेत्रों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र में पर्यटन के लिए नए मार्गों का मूल्यांकन करेगी। यह पर्यटन के अवसरों को बढ़ावा देने के साथ-साथ चीतों के संरक्षण में भी सहायक होगा। समिति उन अधिकारियों और फ्रंट-लाइन कर्मचारियों के क्षमता निर्माण पर भी ध्यान देगी, जो कूनो से राजस्थान तक मौजूदा कॉरिडोर में चीतों की निगरानी और गश्त में शामिल हैं। इससे चीतों की सुरक्षा और संरक्षण में सुधार आएगा। कूनो और गांधी सागर अभ्यारण्य क्षेत्रों से चीतों के भविष्य के माइग्रेशन के लिए उपयुक्त क्षेत्रों का विकास भी समिति के कार्यक्षेत्र में शामिल रहेगा। इसके लिए प्रि-औगमेंटेशन बेस तैयार कर सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *