ग्वालियर : रेलवे स्टेशन पर गिरे मजदूर के शरीर में घुसे 3 सरिये, डॉक्टरों ने बचा ली जान

Share on Social Media

ग्वालियर

ग्वालियर में इंजीनियर-डॉक्टर ने मिलकर एक मजदूर की जान बचाई। मजदूर के सीने और पेट में घुसे सरिए निकालने के लिए ऑपरेशन ढाई घंटे तक चला। इंजीनियर ने स्ट्रेचर पर ही उसके शरीर में घुसे सरिए इलेक्ट्रिक कटर से काटे।

इस दर्दनाक घटना के बाद भी बिना घबराए मजदूर की जीवटता और डॉक्टरों के हाथों के हुनर ने ऐसा कमाल दिखाया कि त्योहार के दिन उसे जीवनदान मिल गया। अस्पताल ले जाए गए मजदूर के शरीर में सरिये घुसे होने से उसे सीटी स्कैन कक्ष तक में नहीं ले जाया सका तो ग्राइंडर से सरिये काटे गए।

डेढ़ घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बुरी तरह कटी आंत को जोड़ दिया। उसकी हालत स्थिर है। डाक्टरों की निगरानी में रहेगा। रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत प्लेटफार्म क्रमांक एक की तरफ पुराने आरपीएफ थाने के पीछे रेल कर्मचारियों के आवास बन रहे हैं।

यहां इमारत की दूसरी मंजिल पर मंगलवार की सुबह मजदूर छोटू जाटव पुत्र संतोष जाटव निवासी घास मंडी किलागेट दरवाजे के पल्ले लगाने का काम कर रहा था। इसी दौरान नीचे लिफ्ट की डक्ट में गिर गया।

केपीसी कंपनी पर लापरवाही का आरोप

बताया गया है कि चेन बेल्ट खुल जाने से यह हादसा हुआ पर मजदूर के स्वजन का केपीसी इंफ्रा कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। केपीसी वही कंपनी है जिसने एयर टर्मिनल का काम किया है।

एयर टर्मिनल के काम के दौरान चार से पांच मजदूरों की मौत होने के मामले सामने आ चुके हैं, कुछ समय पहले ही एक मजदूर की मौत हुई थी। हर मामले में केपीसी पर लापरवाही के आरोप लगे। बताया गया है कि रेलवे स्टेशन के इस प्रोजेक्ट में भी पूरी तरह सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, इस कारण कर्मचारियों में आक्रोश भी है।

ऐसे बचा ली जान

छोटू को सुबह 11.30 बजे जेएएच के ट्रामा सेंटर लाया गया। सबसे पहले उसके शरीर के अंदर सरियों ने क्या नुकसान किया है, यह जानने के लिए सीटी स्कैन जरूरी था, परंतु सरियों की वजह से उस कक्ष में ले जाना संभव नहीं हो सका। सर्जरी विभाग की प्राध्यापक डॉ. अंजलि जलज ने वर्कशाप प्रभारी अतर सिंह जाटव की टीम को बुलाकर ग्राइंडर मशीन के जरिये सरियों को कटवाया।

उसके बाद सर्जरी विभाग के आईसीयू में शिफ्ट किया गया। वाइटल्स स्थिर रहने पर सीटी स्कैन किया गया जिसमें उसे न्यूमोपेरिटोनियम एवं न्यूमोथोरेक्स की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के अनुसार शरीर में हुए छेदों के कारण फेफड़ों और पेट में हवा भर गई थी, जिसे नली की सहायता से निकाला गया।

डॉ जलज के नेतृत्व में डॉ. हिमांशु चंदेल तथा यूरोलाजी विभाग के डॉ. संजय पाराशर द्वारा सर्जरी की गयी। डॉक्टरों की टीम ने लगभग सवा घंटे तक जटिल ऑपरेशन के बाद बताया कि क्षतिग्रस्त आंत को जोड़ा गया है। उसकी हालत ठीक है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *