अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक भव्य दिवाली समारोह का आयोजन किया, मनाई दिवाली

Share on Social Media

वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक भव्य दिवाली समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने एक दीया जलाकर समारोह की शुरुआत की, जो इस पावन पर्व का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के 600 से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने भाग लिया, जिसमें सांसदों, वरिष्ठ अधिकारियों और समुदाय के विभिन्न सदस्यों की उपस्थिति रही।

राष्ट्रपति बाइडेन का भाषण
राष्ट्रपति बाइडेन ने समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, "यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है कि राष्ट्रपति के रूप में मुझे व्हाइट हाउस में दिवाली कार्यक्रम की मेज़बानी करने का अवसर मिला।" उन्होंने यह भी बताया कि कैसे दक्षिण-एशियाई अमेरिकी समुदाय ने अमेरिकी जीवन के हर क्षेत्र को समृद्ध किया है। बाइडेन ने इस समुदाय की भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला समुदाय है और अब दिवाली गर्व से व्हाइट हाउस में मनाई जाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण एशियाई समुदाय ने न केवल अमेरिका की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ाया है, बल्कि यह देश के सामाजिक और आर्थिक जीवन में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बाइडेन का यह संदेश अमेरिका की समग्रता और विविधता को सम्मानित करने का प्रतीक है।

उपराष्ट्रपति और फर्स्ट लेडी की अनुपस्थिति
हालांकि, इस विशेष समारोह में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन शामिल नहीं हो सकीं। राष्ट्रपति ने बताया कि फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन विस्कॉन्सिन की यात्रा पर हैं, जहां वह कुछ महत्वपूर्ण कार्यों में व्यस्त थीं। वहीं, कमला हैरिस अपने चुनावी अभियान में भाग ले रही थीं। बाइडेन ने कहा, "मैंने कई कारणों से कमला को अपने साथी के रूप में चुना है। वह न केवल स्मार्ट हैं, बल्कि उन पर भरोसा भी किया जा सकता है।" यह अनुपस्थिति कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक थी, क्योंकि दिवाली समारोह एक ऐसा अवसर है जब लोग एक साथ मिलकर अपने सांस्कृतिक मूल्यों को मनाते हैं। लेकिन राष्ट्रपति का इस बारे में खुलकर बात करना दर्शाता है कि वे अपनी टीम के प्रति कितने समर्पित हैं।

व्हाइट हाउस में दिवाली की परंपरा
व्हाइट हाउस में दिवाली मनाने की परंपरा की शुरुआत 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा की गई थी। हालांकि, बुश ने कभी भी इस समारोह में व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं लिया। इसके बाद 2009 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया और व्हाइट हाउस में पहली बार दीया जलाया। उन्होंने इस दौरान भारतीय संस्कृति और परंपराओं की सराहना की। 2017 में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस परंपरा को जारी रखा, लेकिन राष्ट्रपति बाइडेन के तहत 2022 में व्हाइट हाउस में अब तक की सबसे बड़ी दिवाली पार्टी आयोजित की गई थी, जिसमें 200 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। इस प्रकार, बाइडेन ने व्हाइट हाउस में दीवाली मनाने की परंपरा को एक नया आयाम दिया।
 
अमेरिकी भारतीय समुदाय का उत्सव
इस वर्ष, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने आधिकारिक आवास पर दिवाली पार्टी का आयोजन किया, जिससे यह पता चलता है कि अमेरिकी सरकार भारतीय संस्कृति को कितनी गंभीरता से लेती है। इसके साथ ही, अमेरिका में भारतीय मूल के प्रवासी लोगों ने भी जोर-शोर से दिवाली मनाई। न्यूयॉर्क से लेकर सैन फ्रांसिस्को, ओहायो, न्यूजर्सी और कैलिफोर्निया तक, हर जगह दीवाली के रंग बिखरे हुए थे। अमेरिका के विभिन्न हिंदू मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई, जिसमें भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण किए गए। यह समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें लोग एकत्र होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान कर सके।

इस दिवाली समारोह ने न केवल भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित किया, बल्कि यह अमेरिका में विविधता और सहिष्णुता का भी प्रतीक बन गया। राष्ट्रपति बाइडेन का व्हाइट हाउस में दीया जलाना इस बात का संकेत है कि अमेरिका में विभिन्न संस्कृतियों को कितना महत्व दिया जाता है। उनके द्वारा दिए गए संदेश से यह स्पष्ट होता है कि हर समुदाय को सम्मानित किया जाना चाहिए और उनकी परंपराओं का स्वागत किया जाना चाहिए। इस आयोजन ने यह भी दर्शाया कि कैसे भारतीय मूल के अमेरिकियों ने अमेरिका के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह एक ऐसा अवसर है जब सभी लोग एक साथ मिलकर अपने सामूहिक उत्सवों को मनाते हैं और एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्यार का प्रदर्शन करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *