इंदौर का नया अध्याय: पुराने कपड़ों से धागा और पशु शवों का अग्निदाह, नवाचार और स्वच्छता में उदाहरण
इंदौर
स्वच्छता और नवाचार में देश को दिशा दिखाने वाला इंदौर अब शहरी प्रबंधन के नए अध्याय लिखने की ओर बढ़ रहा है। नगर निगम ने कचरे को संसाधन में बदलने और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक साथ कई बड़े कदम उठाए हैं।
शहर में जहां अब पुराने कपड़ों से धागा तैयार कर पुनर्चक्रण को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं मृत पशुओं को दफनाने की परंपरा को समाप्त कर उन्हें अत्याधुनिक संयंत्र में सम्मानजनक अग्निदाह की व्यवस्था की जा रही है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में आधुनिक फायर स्टेशन भी
इसके साथ ही नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में एक आधुनिक फायर स्टेशन भी विकसित किया जाएगा। ये सभी परियोजनाएं पीपीपी मोड पर स्थापित की जा रही हैं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इन नवाचारी परियोजनाओं का भूमिपूजन कर इंदौर को टिकाऊ, सुरक्षित और भविष्य के शहर के रूप में आगे बढ़ाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर महापौर ने कहा कि इंदौर का ट्रेंचिंग ग्राउंड न केवल देश, बल्कि दुनिया में सबसे अधिक सर्च और अध्ययन किया जाने वाला स्थल बन चुका है। हमारे नवाचार ही हमारी असली ताकत हैं।
इंदौर वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में आगे बढ़ रहा है
अनुपयोगी कपड़ों से धागा बनाने, मृत पशुओं और मीट अपशिष्ट का पर्यावरण अनुकूल निपटान करने जैसे कार्य इंदौर को स्वच्छता के अगले स्तर पर ले जाएंगे।
भूमिपूजन कार्यक्रम में महापौर परिषद सदस्य अश्विनी शुक्ल, अभिषेक शर्मा बबलू, नंदकिशोर पहाड़िया, मनीष शर्मा मामा, नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान 16 दिसंबर विजय दिवस के अवसर पर महापौर ने उपस्थित सेवानिवृत्त सैनिकों का सम्मान भी किया।
कचरे से संसाधन
रोजाना 25 टन पुराने कपड़ों से बनेगा धागा नगर निगम ने शहर के सभी जोन क्षेत्र में थ्री-आर सेंटर स्थापित किए हैं। इन पर रोजाना बड़ी मात्रा में नागरिक पुराने कपड़े देते हैं।
इसके अलावा नेकी की दीवार पर भी बड़ी मात्रा में अनुपयोगी कपड़े एकत्र होते हैं। इन पुराने कपड़ों से धागा बनाने के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पीपीपी मोड पर पुराने कपड़ों से धागा बनाने का संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।
पशु शवदाह स्थापित किया जा रहा
दुर्गंध और प्रदूषण से भी मिलेगी राहत नगरीय सीमा में रोजाना करीब 50 पशुओं की मृत्यु होती है। इन पशुओं के शव को फिलहाल ट्रेंचिंग ग्राउंड लाकर दफनाया जाता है। इसके अलावा शहरभर से एकत्र होने वाले मीट अपशिष्ट को भी ट्रेंचिंग ग्राउंड लाया जाता है।
यहां जमीन में गड्ढा कर अपशिष्ट को गाढ़ा जाता है। इससे उठने वाली बदबू से वायु प्रदूषण होता है। भूजल भी दूषित होता है। इससे बचने के लिए अब पीपीपी मोड पर पशुओं के शव के लिए शवदाह स्थापित किया जा रहा है।
आग पर काबू अब मिनटों में
देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में नया फायर स्टेशन शहर के पूर्वी क्षेत्र में अग्निशमन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में नया फायर स्टेशन विकसित करने जा रहा है।
पालदा और नेमावर रोड क्षेत्र में पिछले दो दशक में बड़ी संख्या में रहवासी कॉलोनियां विकसित हुई हैं। हजारों की संख्या में लोग इन क्षेत्रों में रह रहे हैं। आग लगने की स्थिति में दमकलों को कई किमी दूर स्थित फायर स्टेशन से बुलाना पड़ता है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर फायर स्टेशन विकसित होने से दमकलें कुछ ही मिनट में मौके पर पहुंच सकेंगी।
