ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे: किसानों को भुगतान के बाद जनवरी से शुरू होगा काम, ग्वालियर से आगरा का सफर डेढ़ घंटे में

Share on Social Media

मुरैना
 ग्रीनफील्ड सिक्सलेन-वे का काम जनवरी से शुरू करने का गणित बनाया जा रहा है। अभी तक अधिग्रहित जमीन का पैसा 65 फीसदी किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जा चुका है। चूंकि निर्माण एजेंसी 90 फीसदी जमीन यानि 475 हेक्टेयर जमीन मिलने के बाद काम शुरू कराएगी, इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शेष भूमि से जुड़े किसानों से जमीन लेने के प्रयास कर रहा है। एनएचएआई की मानें तो प्रोजेक्ट वर्क शुरू होने के ढाई साल की समयावधि में अनुबंधित निर्माण एजेंसी को आगरा से ग्वालियर के बीच सिक्सलेन-वे बनाकर तैयार करना होगा।

नया रूट मिलने के बाद ग्वालियर के लोग आगरा की 88.4 किमी की दूरी डेढ़ घंटे में तय सकेंगे। ग्रीनफील्ड सिक्सलेन-वे बनाने पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 4612 करोड़ रुपये खर्च करेगा। एनएचएआई को मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश में 550 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें किसानों की निजी भूमि से लेकर सरकारी व वन भूमि शामिल है। इसमें से अभी तक 65 फीसदी जमीन एनएचएआई को राजस्व विभाग उपलब्ध करा चुका है।

जमीन इस प्रोजेक्ट में देने को तैयार नहीं

नियम के मुताबिक, निर्माण एजेंसी को इस प्रोजेक्ट के लिए 550 हेक्टेयर भूमि का 90 फीसदी हिस्सा चाहिए इसलिए अभी 25 प्रतिशत निजी भूमि और उपलब्ध होने के बाद जीआर इंफ्रा प्रालि सिक्सलेन-वे बनाने का काम शुरू करा सकेगी। ऐसा माना जा रहा है कि जनवरी में इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य का श्रीगणेश करा दिया जाएगा। अभी एक तिहाई किसान जमीन अधिग्रहण के बदले चार गुना मुआवजा देने की मांग को लेकर अपनी बेशकीमती जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए देने में ना-नुकुर कर रहे हैं।
कलेक्टर रेट से दोगुना मुआवजा होने से दिक्कत

किसी भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद दिए जाने वाले मुआवजे के लिए उत्तर प्रदेश व राजस्थान सरकार का गुणांक दो होने से वहां जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को कलेक्टर रेट से चार गुना मुआवजा देने का प्राविधान है। मप्र में कलेक्टर रेट से दोगुना राशि का मुआवजा मिलता है।

उप्र-राजस्थान की मुआवजा दरों की जानकारी मुरैना जिले के किसानों को अच्छे से है, ऐसे में किसान राज्य सरकार से गुणांक बदलकर दो करने व मुआवजा की राशि चार गुना देने की जिद पर अड़े हैं। इसलिए ग्रीनफील्ड सिक्सलेन-वे के लिए अभी बड़ी संख्या में किसान अपनी खेती की जमीन देने से मुंह मोड़े हुए हैं। यहां बता दें कि कलेक्टर ने भी ग्रीनफील्ड सिक्सलेन-वे प्रभावित क्षेत्र की जमीनों की गाइडलाइन दो साल से नहीं बढ़ाई है, जबकि पूरे जिले की प्रमुख साइटों के रेट दो बार 20-20 प्रतिशत बढ़ा दिए गए।

  • एक नजर प्रोजेक्ट पर
  •     आगरा से ग्वालियर के बीच सिक्सलेन-वे की लंबाई की 88.4 किलोमीटर होगी।
  •     ग्वालियर से आगरा के बीच सफर में लगने वाला समय एक घंटा 30 मिनट होगा।
  •     ग्रीनफील्ड सिक्सलेन-वे के बीच बड़े पुल की संख्या 08 और छोटे पुल की संख्या 23 रहेगी।
  •     फ्लाईओवर की संख्या छह, आरओबी की संख्या एक और वायोडक्ट की संख्या पांच रहेगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *