शामली में बावरिया गैंग का सरगना मिथुन पुलिस एनकाउंटर में ढेर, कार्बाइन-पिस्टल बरामद

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 शामली

यूपी के शामली में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सोमवार देर रात झिंझाना के बिडोली जंगल में पुलिस मुठभेड़ में बावरिया गिरोह का सरगना और सवा लाख का इनामी मिथुन ढेर हो गया. मुठभेड़ में एसओजी के एक हेड कांस्टेबल घायल हुए हैं, जबकि एक थाना प्रभारी बाल-बाल बच गए. एसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.

वारदात की तैयारी में थे बदमाश, पुलिस ने घेरा

एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रात में सूचना मिली थी कि वेदखेड़ी–मंसूरा मार्ग पर बावरिया गिरोह के सदस्य किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में हैं. इस सूचना पर झिंझाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची. 

पुलिस को देखते ही बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सवा लाख का इनामी मिथुन ढेर हो गया. मिथुन का साथी राहुल अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार होने में कामयाब रहा. पुलिस ने फरार साथी की तलाश शुरू कर दी है.

एसओजी हेड कांस्टेबल घायल, थाना प्रभारी की बची जान

मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से चली गोलियों में एसओजी के हेड कांस्टेबल हरविंदर गोली लगने से घायल हो गए. उन्हें ऊन सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया है. वहीं, झिंझाना थाना प्रभारी वीरेंद्र कसाना की जैकेट में गोली लगी, लेकिन वह उसे भेदकर निकल गई, जिससे उनकी जान बाल-बाल बच गई.

पुलिस ने मारे गए बदमाश के पास से एक कार्बाइन और मेड इन इटली पिस्टल बरामद की है. एसपी ने बताया कि मिथुन पर शामली से एक लाख और बागपत पुलिस की ओर से ₹25,000 का इनाम घोषित था.

20 से अधिक मुकदमे दर्ज, कई राज्यों में फैला रखा था खौफ

पुलिस के अनुसार, मिथुन के खिलाफ हत्या और लूट समेत 20 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. उसने कांवड़ यात्रा के दौरान बागपत में एक महिला से लूट की वारदात को भी अंजाम दिया था. वह वर्ष 2017 में झिंझाना में हुए भारत कुमार हत्याकांड में भी शामिल रहा था. एसपी ने बताया कि मिथुन और उसके गिरोह ने तमिलनाडु में भी कई लूट की वारदातें की थीं. जांच में पता चला कि वह घटना को अंजाम देने के बाद पंजाब, साउथ दिल्ली, जयपुर तथा अन्य स्थानों पर ठिकाने बनाता था.

वेस्ट यूपी से लेकर तमिलनाडु तक थी उसकी दहशत

मिथुन पर पहला मुकदमा मारपीट का दर्ज हुआ था. इसके बाद वह दिल्ली, पंजाब, वेस्ट यूपी के शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जैसे जिलों और तमिलनाडु जैसे दूर के राज्यों में भी लगातार अपराध करता रहा. पुलिस के मुताबिक, उसका मकसद कई राज्यों में अपना प्रभाव और खौफ फैलाना था. पुलिस अब फरार साथी राहुल की तलाश में जुटी हुई है और गिरोह के अन्य सदस्यों की धरपकड़ के लिए भी अभियान चला रही है.

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