स्पैम कॉल पर ट्राई की कड़ी कार्रवाई: अब वित्तीय कंपनियों को अपनानी होगी 1600 सीरीज

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नई दिल्ली 
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने बुधवार को बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) सेक्टर के लिए '1600' नंबरिंग सीरीज अपनाने को अनिवार्य कर दिया है, जिससे उनकी सेवा और लेन-देन संबंधी कॉल को अन्य कमर्शियल कम्युनिकेशन से स्पष्ट रूप से अलग किया जा सके। इसका उद्देश्य स्पैम कॉल और वॉइस कॉल के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकना है, जिससे देश में व्यापक स्तर पर वित्तीय धोखाधड़ी को रोक जा सके और यूजर्स के लिए वित्तीय माहौल और सुरक्षित हो सके। आधिकारिक बयान में कहा गया कि ट्राई की पहल के तहत 1600 नंबर की सीरीज दूरसंचार विभाग द्वारा बीएफएसआई सेक्टर को आवंटित की गई है। इससे लोगों को वित्तीय संस्थाओं से सही और विश्वसनीय कॉल मिलेंगे। दिशानिर्देंशों में कहा गया कि सभी म्यूचुअल फंड्स और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) को 15 फरवरी, 2026 तक 1600 नंबरिंग सीरीज को अपनाना अनिवार्य है।
वहीं, क्वालिफाइड स्टॉकब्रोकर्स (क्यूएसबी) को 1600 नंबर की सीरीज को 15 मार्च, 2026 तक अपनाना होगा।
निर्देश में कहा गया है कि फिलहाल, अन्य सेबी-पंजीकृत मध्यस्थ अपने पंजीकरण विवरणों के सत्यापन के बाद स्वेच्छा से 1600 सीरीज में स्थानांतरित हो सकते हैं।
वाणिज्यिक बैंकों (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों सहित) को 1 जनवरी, 2026 तक 1600 सीरीज अपनानी होगी।
निर्देश में कहा गया है कि 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की एसेट वैल्यू वाली बड़ी एनबीएफसी, पेमेंट्स बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को 1 फरवरी, 2026 तक इसमें शामिल होना होगा, जबकि बाकी एनबीएफसी, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और छोटी संस्थाओं को 1 मार्च, 2026 तक इसमें शामिल होना होगा।
केंद्रीय रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियां ​​और पेंशन फंड मैनेजर्स को इसमें 15 फरवरी, 2026 तक शामिल होना होगा। आधिकारिक बयान में कहा गया कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए 1600 नंबरिंग को अपनाने की तारीख को जल्द अधिसूचित किया जाएगा, क्योंकि इसके लिए आईआरडीएआई के साथ बातचीत चल रही है।

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