उज्जैन : सिंहस्थ से पहले महाकाल महालोक में पाषाण की मूर्तियां स्थापित करने को मंजूरी

Share on Social Media

उज्जैन
 महाकुंभ सिंहस्थ-2028 से पहले ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र श्री महाकाल महालोक में स्थापित फाइबर-रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक की मूर्तियां हटाकर पाषाण की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। सिंहस्थ के लिए गठित मंत्री मंडल समिति ने इस काम के लिए 75 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। साथ ही उज्जैन से इंदौर जाने के लिए एक और फोरलेन बनाने सहित चार हजार करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है।

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बनी समिति ने शिप्रा नदी किनारे 29.21 किलोमीटर घाट बनाने को 779 करोड़ की योजना, शिप्रा नदी को शिप्रा के ही जल से प्रवाहमान रखने को 614 करोड़ रुपये की सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बांध निर्माण योजना, कान्ह नदी पर साढ़े 43 करोड़ रुपये की 11 बैराजों के निर्माण की योजना, उज्जैन शहर में 198 करोड़ रुपये से सीवरेज पाइपलाइन बिछाने की योजना, उच्चदाब विद्युत उपकेंद्र बनाने एवं भूमिगत केबल बिछाने को 345 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की है।

सिंहस्थ क्षेत्र में दो नए फोरलेन का प्रस्ताव भी मंजूर

इसके अलावा 36 करोड़ रुपये से सिंहस्थ क्षेत्र में दो नए फोरलेन बनाने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। एक फोरलेन खाकचौक से वीरसावरकर चौराहा, गढ़कालिका होकर भर्तृहरि गुफा तक बनाया जाएगा और दूसरा फोरलेन कार्तिक मेला मैदान से दत्त अखाड़ा, भूखी माता मंदिर, उजड़खेड़ा हुनमान मंदिर से बड़नगर मार्ग तक बनाया जाएगा।

समिति ने उज्जैन से इंदौर जाने को एक नया फोरलेन बनाने को 950 करोड़ की योजना भी स्वीकृत की है। ये मार्ग उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर मार्ग जुड़कर चंद्रावतीगंज, अजनोद, खजूरिया, हातोद, गांधी नगर के रास्ते इंदौर एयरपोर्ट तक बनेगा। लंबाई 65 किलोमीटर होगी।

25 करोड़ रुपये से कुंभ संग्रहालय सह कालगणना शोध केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए अभी जमीन चयनित की जाना है। इंतजार अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने का है। मंजूरी मिलते ही ठेकेदार चयन के लिए निविदा प्रक्रिया की जाएगी।

पाषण की मूर्तियों का निर्माण जारी

महाकाल महालोक में स्थापित करने को विक्रम कीर्ति मंदिर परिसर में भगवान शिव की और जिला पंचायत के संभागीय हाट बाजार परिसर में सप्त ऋषि की मूर्तियों का निर्माण हो रहा है। दो मूर्तियां छह माह में आकार भी ले चुकी हैं।
पिछले साल गिर गई थी मूर्तियां

पिछले साल तेज हवा चलने पर महाकाल महालोक में स्थापित फाइबर-रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक से बनी सप्त ऋषियों की छह मूर्तियां गिरकर खंडित हो गई थी। तब भाजपा ने कहा था कि फाइबर की मूर्तियां लगाने की योजना कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की थी।

भाजपा शास्त्र सम्मत पाषाण की मूर्तियां स्थापित करेगी। इस घटना के कुछ महीने बाद सरकार ने ताबड़तोड़ नई फाइबर की मूर्तियां स्थापित कराई थी। इसी साल गुड़ी पड़वा के बाद पत्थर की नई मूर्तियों का निर्माण भी शुरू कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *