AI सेक्टर में संकट! अमेरिका में 1.5 लाख नौकरियां गईं, बाजार में मची अफरा-तफरी

Share on Social Media

 नई दिल्ली

अमेरिका (America) में हाहाकार मचा है, लगातार लोगों की नौकरियां जा रही हैं, ट्रंप सरकार के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. वैसे अमेरिका में जिस तरह से आर्थिक संकट गहरा रहा है, उसका असर तमाम देशों पर पड़ने वाला है. 

इतिहास गवाह है कि संकट का पहला सिग्नल शेयर बाजार में मिलता है, और फिलहाल अमेरिकी शेयर बाजार के साथ यही हो रहा है. तगड़ी बिकवाली देखी जा रही है. गुरुवार यानी 6 नवंबर को अमेरिकी शेयर बाजार में भूचाल सा आ गया. S&P 500 में करीब 1.1% गिरावट दर्ज की गई. Nasdaq इंडेक्स 2 फीसदी तक फिसल गया, Dow Jones में भी करीब 0.8% की गिरावट देखी गई. इससे पहले 5 नवंबर को अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी था.

अगर इस गिरावट के कारण ढ़ूढते हैं तो मुख्यतौर पर तीन सामने आते हैं. 

1. AI शेयरों का बुरा हाल: कहा जा रहा है कि Artificial Intelligence (AI) को लेकर जो बुलबुला था, वो अब फटने लगा है. निवेशकों को AI कंपनियों को लेकर चिंताएं सताने लगी हैं. फिर सवाल उठता है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि AI को लेकर 'बुलबुला' जैसा शब्द का इस्तेमाल होने लगा है. 

बड़ी टेक्नोलॉजीज कंपनियां, खासकर AI-थीम वाले शेयरों में हाई वैल्यूवेएशन देखने को मिल रहे हैं, और निवेशक इस बात को लेकर सतर्क हैं कि क्या ये आगे रिटर्न देने में सक्षम रहेंगे. क्योंकि पिछले दो वर्षों में AI से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जोरदार रैली देखी गई, लेकिन ग्रोथ उस हिसाब से नहीं दिख रहा है. 

निवेशकों को डर है कि कुछ बड़ी टेक कंपनियों ने जितना उछाल दिखाया था, वो ग्रोथ में मैच नहीं कर रहा है, यानी Valuation बहुत आगे निकल गया. इसलिए कुछ AI से जुड़ी कंपनियों ने अच्छे नतीजे भी दिए हैं. उसके बावजूद शेयरों में भारी गिरावट देखी गईं. 

2. अमेरिकी कंपनियों में भारी छंटनी: अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी की आहट से रोजगार संकट बढ़ता जा रहा है, सिर्फ अक्टूबर 2025 में ही अमेरिका में करीब 1.53 लाख लोगों की नौकरियां गईं. यह किसी अक्टूबर महीने में पिछले 20 वर्षों में सबसे अधिक जॉब कटौती है. अब तक साल 2025 में करीब  11 लाख नौकरियों पर कैंची चल चुकी हैं, जो एक वर्ष पहले की तुलना में लगभग 65% अधिक है. 

ये छंटनी सिर्फ एक-दो सेक्टर तक सीमित नहीं हैं, टेक्नोलॉजी, रिटेल, सर्विस सेक्टर, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स समेत कई उद्योग प्रभावित हो रहे हैं. निवेशक अब AI-थीम पर बहुत अधिक भरोसा नहीं कर रहे, इसलिए इस सेक्टर में तगड़ा असर दिखने को मिल रहा है. लागत में बढ़ोतरी और बढ़ते आर्थिक अनिश्चितता के चलते कंपनियां कोस्ट कटिंग पर तेजी से आगे आ रही हैं. AI के आने से कई नौकरियां अब ऑटोमेशन/AI द्वारा ऑपरेट हो रही हैं. 

3. इकोनॉमी पर दबाव: बढ़ती ब्याज दरों की संभावना ने अमेरिका इकोनॉमी दबाव बढ़ा दिया है. अमेरिका पर कर्ज 38 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक हो गया है, और यह अब GDP का लगभग 324% तक पहुंच चुका है. अब अगर अमेरिका समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं देगा, तो सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियां भी तेज़ी से सामने आ सकती हैं. महंगाई बढ़ने का डर भी सताने लगा है. 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *