कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सहमति से बने रिश्ते में ब्रेकअप को अपराध नहीं माना जा सकता

Share on Social Media

बेंगलुरु 
बलात्कार के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया और आरोपी के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया। अदालत का कहना है कि आपसी सहमति से शुरू हुआ रिश्ता अगर निराशा के साथ खत्म होता है, तो इसे अपराध नहीं माना जा सकता। दरअसल, एक महिला ने याचिकाकर्ता पर रेप के आरोप लगाए थे। वहीं, कोर्ट ने पाया कि दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे।

जस्टिस एम नागप्रसन्न मामले की सुनवाई कर रहे थे। 25 अक्तूबर को हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा, 'अगर वर्तमान अभियोजन पक्ष को ट्रायल में चलते रहने की अनुमति दी गई, तो यह न्याय की विफलता की ओर एक औपचारिक प्रक्रिया के अलावा कुछ नहीं होगा। यह कानून का दुरुपयोग होगा।'

क्या था मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, रिकॉर्ड में जानकारी दी गई थी कि एक महिला और पुरुष डेटिंग ऐप के जरिए मिलते हैं। उन दोनों के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बात शुरू होती है और वो एक रेस्त्रां में मिलने का फैसला करते हैं। इसके बाद दोनों ने एक होटल में संबंध भी बनाए। अब महिला ने बाद में आरोप लगाए हैं कि उसके साथ बलात्कार हुआ है।

महिला की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई, जिसे हाईकोर्ट में आरोपी ने चुनौती दी। कोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी ने जानबूझकर आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच हुई चैट को नजरअंदाज किया था। कोर्ट ने पाया कि चैट से संकेत मिलते हैं कि दोनों के बीच आपसी सहमति से फैसले लिए गए थे।

इस दौरान उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें सहमति से संबंध और बलात्कार के बीच अंतर बताया गया था। हाईकोर्ट ने आरोपी की याचिका को स्वीकार कर लिया और एफआईआर को खारिज कर दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *