रेल हादसा या प्रशासनिक विफलता? 12 हजार स्पेशल ट्रेनें कहां, लोग छतों पर लटके! राहुल गांधी का हमला

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नई दिल्ली 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने त्योहारों के मौसम में कई रेलगाड़ियों में यात्रियों की भीड़ होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा। शनिवार को उन्होंने आरोप लगाया कि फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं। यह सवाल भी किया कि 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हैं? रेल मंत्रालय ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर, 2025 तक निर्धारित 12,011 रेल यात्राओं की सूची पिछले दिनों जारी की थी। इसमें बताया गया कि त्योहारों के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए देश के विभिन्न स्थानों से प्रतिदिन औसतन 196 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। अब तक एक दिन में संचालित विशेष रेलगाड़ियों की सबसे अधिक संख्या 18 अक्टूबर को लगभग 280 थी, जबकि सबसे कम 8 अक्टूबर को लगभग 166 थी।

राहुल गांधी ने कुछ रेलगाड़ियों में यात्रियों की भीड़ से जुड़े वीडियो साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, 'त्योहारों का महीना है – दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्यौहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है – मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।' राहुल गांधी ने कहा कि बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं। टिकट मिलना असंभव है और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 प्रतिशत तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाजों और छतों तक लटके हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं।

राहुल गांधी ने उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस नेता गांधी ने सवाल किया, 'कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं?' राहुल गांधी ने कहा कि अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हजारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता। उन्होंने दावा किया कि ये सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, राजग की धोखेबाज नीतियों और नियत का जीता-जागता सबूत हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।

 

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