भोपाल में इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करने वाले 2 पकड़ाए, अब भी कानपुर के गांव में टीम का डेरा

Share on Social Media

भोपाल

भोपाल के गायत्री नगर में रहने वाले फील्ड इंजीनियर प्रमोद कुमार को उनके ही घर में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 6 घंटे तक बंधक बनाने के मामले में पुलिस कानपुर देहात स्थित उनके गांव पहुंच गई। वहां 2 दिनों से डेरा डाले हुए है। पुलिस ने संदेह के आधार पर दो युवक गिरफ्तार।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांव के अन्य लोग बड़ी संख्या में ऑनलाइन ठगी करने वाले नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट के इस मामले में अलग-अलग नंबरों के आधार पर तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया

आरोपियों के गांव में उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। आरोपियों ने इंजीनियर को धमकाने के लिए जिन तीन नंबरों का इस्तेमाल किया, वे सभी नंबर बंद हैं।

ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस

बुधवार दोपहर तक आरोपियों ने इंजीनियर प्रमोद कुमार को डिजिटल अरेस्ट कर 3.50 लाख रुपए की मांग की। इसी दौरान पुलिस ने आईपी एड्रेस के आधार पर उनकी लोकेशन ट्रेस कर ली थी। कानपुर पुलिस को भी तुरंत इस मामले का इनपुट दिया गया। हालांकि, पुलिस की दबिश से पहले ही आरोपी फरार हो चुके थे, और उनका नंबर तब से बंद है।

हालांकि दो संदेहियों से पूछताछ की जा रही है, जबकि एक अन्य की तलाश जारी है। पुलिस ने कानपुर देहात स्थित आरोपियों के गांव में रहने वाले एक दर्जन से अधिक लोगों से भी दो दिनों में पूछताछ की हैं।

मोबाइल में किसका कॉल आ रहा, यह तक उन्हें पता था

इंजीनियर प्रमोद कुमार ने बताया कि उन्हें एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कॉलर ने कहा कि उनके नंबर से अलग-अलग लोगों को कॉल कर फिरौती मांगी जा रही है और उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। उसने उनका पता कन्फर्म कराया और मोबाइल पर आ रही वेटिंग कॉल के बारे में भी पूछा। कॉलर ने वेटिंग कॉल करने वाले का नाम भी बताया।

इंजीनियर ने कहा, "मैं घबरा चुका था कि मेरे मोबाइल पर आ रही कॉल्स को भी पुलिस देख रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने मेरे फोन में मौजूद दूसरी चीजों के बारे में भी बताया।"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *